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13 Nov 2019 · 1 min read

भले ही ज़िन्दगी ने कम सितम ढाया नहीं है

भले ही ज़िन्दगी ने कम सितम ढाया नहीं है
मगर फिर भी किसी ने कम इसे चाहा नहीं है

बिना चिंगारी के माना नहीं उठता धुँआ भी
बिना देखे लगाना दोष पर अच्छा नहीं है

जियादा हो या थोड़ी सी, पड़ी है मार सब पर
किसी पर भी रहम इस वक़्त ने खाया नहीं है

कहानी प्यार की आगे बढ़े कैसे हमारी
इशारों को समझना जब उन्हें आता नहीं है

छिपा लेते हो कितनी बातें अपने दिल के अंदर
मगर कहते हमारे बीच में पर्दा नहीं है

हमारे दोस्ती को भी समझते दुश्मनी हो
अभी तक ‘अर्चना’ को तुमने पहचाना नहीं है

13-11-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

2 Likes · 1 Comment · 226 Views
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