भटक ना जाना तुम।
भटक ना जाना तुम,
अन्जानी राहों में!!!
आसमां छू लेना तुम,
हिम्मत के परवाजों से!!!
विचारों से बनता है,
आकार मन का!!!
सपनों से सजता है,
संसार दिल का!!!
मुश्किल से बनती है,
हाथों में मुकददर की रेखा!!!
मेहनत से ही मिलती है,
जीवन में सच्ची सफलता!!!
छोड़ ना देना खुद को,
तम अन्धेरी गलियों में!!!
ख्वाब सजाते रहना,
तुम अपनी अंखियों में!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ