भगतसिंह से सवाल
ऐ भगतसिंह, केकरा खातिर
तू फांसी पर लटकल रहलअ
तनी देख लअ ऊ का करेला
आपसे में के आन लड़ेला
ऐ भगतसिंह, जेकरा खातिर
तू फांसी पर लटकल रहलअ…
कहीं हिंदू-मुसलमान होता
कहीं दलित-बभनान होता
फूहड़ राजनीति के शिकार
इहां रात-दिन इंसान होता
आपसी भाईचारा घटेला
सामाज में नफ़रत बढ़ेला
ऐ भगतसिंह, केकरा खातिर
तू फांसी पर लटकल रहलअ…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#CommunalPolitics