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15 Nov 2021 · 1 min read

ये ज़ुल्मी अदा…

जिसे प्यार करना उसी से लड़ाई
ये ज़ुल्मी अदा तुमको किसने सिखाई

मुहब्बत के रस्ते न आसान होंगे
अगर बैठ जाये कभी दिल में काई

यही हुस्न वालों की फितरत है यारों
है दिल में ज़हर और लब पे मिठाई

ये टूटा हुआ दिल कहाँ ले के जाऊँ
दिया ग़म तुम्हीं ने तुम्हीं दो दवाई

बिना बात के यूँ न ‘आकाश’ रूठो
बहुत हो चुकी है सुनो जग-हँसाई

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- १४/११/२०२१

2 Likes · 2 Comments · 271 Views
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