*बोले पति कंजूस (हास्य कुंडलिया)*
बोले पति कंजूस (हास्य कुंडलिया)
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आती देखी ठंड तो , बोले पति कंजूस
पत्नी जी ! खुद को करें ,शिमला में महसूस
शिमला में महसूस ,समझ लें पर्वत पर हैं
खाएँ ठंडक खूब , भूलिए अपने घर हैं
कहते रवि कविराय , मुफ्त में मस्ती छाती
करते शिमला सैर , ठंड जैसे ही आती
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451