बोलने से सब होता है
बोलने से सब हुआ-
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अंधे का पुत्र अंधा…..
महाभारत का मैदान।
भीष्म प्रतिज्ञा….पिता का मान।
दो डग धरती,…वामन को दान।
राम वन गमन….कैकेई का वरदान।
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बोलने से सब होता है-
रूठना भी…..मनाना भी।
सच्चाई भी…..बहाना भी।
इकरार भी…..इनकार भी।
प्यार भी…….तकरार भी।
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बोलने से सब होगा-
तर्क भी…..वितर्क भी।
कुतर्क भी…..सतर्क भी।
बात भी……….मुलाकात भी।
जुबान चूक गईं तो…मूका लात भी।
सतीश सृजन, लखनऊ।