बेक़रारी मिलेंगी मोहब्बत में
बेक़रारी मिलेंगी मोहब्बत में
बेक़रारी मिलेगी मोहब्बत में ,चैन तेरा खो जायेगा..
तड़पेगा दिल उसी याद में, उन्हें न तू याद आयेगा..
दर्द ही दर्द मिले इस राह में,वादा वफ़ा टूट जायेगा…
सीसे सा इक दिल है मेरा,टूटे फिर ना जुड़ पायेगा…
हा बेशक भूल जा हमें , गम-ए-शाम बीत जायेगा…
वक्त के साथ बदलने में ,हमे भी वक्त लग जायेगा…
तेरे जैसा न कोई था न है न होगा प्यार किसी से
तेरे जैसा न कोई था न है न होगा प्यार किसी से
मरना भी पड़े तो मर जायेंगे जान हँसी ख़ुशी से
मुस्कुराये दबी सासो में,ख़्यालों में जब याद आयेगा..
इश्क चिंगारी सुलग है उठी ,ये धुवाँ धुवाँ रह जायेगा..
ख़त लिखा जिस एहसास में ,तुम्हे वो नजर आयेगा..
दिल की कलम से लिखा ,आग पानी मे लग जायेगा..
ख़त ही लिखा इंतिज़ार में ,कभी तो पैगाम आयेगा..
लफ़्जों से ब्या न हुआ इज़हारे दिल जवाब आयेगा…
वो रात ही तो खत्म नहीं होती हैं, अंधेरा कितना
उजाले भी होते जब हो,कहने वाला कोई अपना
दूर न रहो है गर इश्क , तुम्हे तो इज़हार करो।
हमे तुम जरा समझो , थोड़ा तो एतबार करो।।
© प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छत्तीसगढ़)