बेवफाई
कह कर तो गए कि वापस आएंगे।
हमें कहां पता था की बेवफाई की गली निकल जाएंगे।
लगा नहीं था कि उनका चेहरा, चेहरा नहीं बस एक नकाब है। जन्मों का वादा कर बीच राह में छोड़ जाएंगे।
राह तो देखते है उनकी मगर आने की उम्मीद नहीं है।
ख्वाब तो आते थे मगर उनके सच होने की उम्मीद नहीं है। मानती हूं, मगर मानता कहां है,
बेवफा तो हुए वो उनकी भाषा यह दिल जानता कहां हैं
कई बार ख्याल आता है वह सवाल करता जाता है।
क्या कमी थी मुझ में या क्या खता हुई ।
उनकी वफा मुझसे क्यूं बेवफा हुई
क्यों रूठ गए, क्यों टूट गए
क्यों इश्क की दौड़ में हम पीछे छूट गए।
क्या कमी थी मेरे इश्क और मेरी मोहब्बत में
सपनों को सितारे रात से पहले ही टूट गए।