बेटी
देवी का समझ रूप, पूजते बेटी अगर, कोख में कोई भी बेटी, मरनी न चाहिए
बेटी को देना है मान, और रखना है ध्यान,पढ़ने से ये वंचित ,रहनी न चाहिए
बेटा बेटी दोनों से ही, चलता है ये संसार , इनकी कभी तुलना, करनी न चाहिए
चाहें बँटे जायदाद, या हो फ़र्ज़ों की बात, बेटी ये पराई कभी, कहनी न चाहिए
03-01-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद(उ प्र)