बेटी
1.
ईश्वर के इस मृदुल दान का ब्याज सहित ऋण बेटी है
माँ की ममता और मधुरता का सम्मिश्रण बेटी है
देख रहे हो नित्य जगत मे जो तुम शिखर उन्नति के,
उन शिखरौं तक लें जाने का समुचित कारण बेटी है
2.
दुनिया की मैली किताब का स्वच्छ आवरण बेटी है
कोमलता की परिभाषा का उचित उदाहरण बेटी है
बिन बेटी के इस दुनिया की परिकल्पना झूठी है,
उस अमूर्त को मूर्त रुप देने वाला क्षण बेटी है