बेटी दिवस
✈️?️???♂️बेटी दिवस?♂️???️
घर की रौनक और शान होती है बेटी
संस्कारो की नींव और आत्मा है बेटी।
साथ उसके हो अगर तुम
चांद पर भी जा सकती है बेटी
हर कदम पर देना,साथ उसका तुम
सदा देना साथ उसकी,
ऊंची उड़ानों को तुम।
पंख उसके मत कतरना
उसको आजादी से उड़ने दो
इस धरा की खूबसूरत परिंदा है वो।
इस रंगीली दुनिया में,
उसको पंख फैलाने दो
उड़ता हुआ पक्षी है वो
उसको आसमां में उड़ जाने दो।
मत उसको कोमल समझो,
तलवार की धार है वो
शक्ति और देवी का रूप है बेटी
ईश्वर की उत्कृष्ट कृति,!!
और ममता का भंडार है वो!!!
बस उसे शिक्षा और ज्ञान चाहिए
वो न मांगे धन और दौलत न हीरे मोती
उसको तो बस खुला आसमां,
और पढ़ने का अधिकार चाहिए!!!!
मौलिक
स्वरचित। सुषमा सिंह “उर्मि,,बं