Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2022 · 1 min read

बेजुबानों का अंगभंग : घोर अन्याय

जिस तरह एक इंसान के लिए उसके शरीर के सभी अंग आवश्यक होते है ,उसी प्रकार कुत्तों के लिए उनके सभी अंग आवश्यक होते है ,उसमें पुंछ भी शामिल है।
फिर भी न जाने क्यों कुत्ते के मालिक या अन्य शरारती तत्व उनकी पूंछ क्यों काट देते है ,वही बात गायों और अन्य पशुओं पर भी लागू होती है ।यह बेजुबान पशुओं के साथ किया गया घोर अन्याय है ।पाप है ! आपका यदि कोई एक बाजु काट दे तो तकलीफ होती है न ! बहुत पीड़ा होती है ,आप लोग वेदना के गहरे सागर में डूब जाते हैं तो एक पशु पर क्या गुजरती होगी ।कल्पना कीजिए ।
और पशुओं के साथ यह अनाचार बंद कीजिए ।

Language: Hindi
Tag: लेख
120 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
पारख पूर्ण प्रणेता
पारख पूर्ण प्रणेता
प्रेमदास वसु सुरेखा
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
शादी अगर जो इतनी बुरी चीज़ होती तो,
शादी अगर जो इतनी बुरी चीज़ होती तो,
पूर्वार्थ
■ दरकार एक नई आचार संहिता की...
■ दरकार एक नई आचार संहिता की...
*Author प्रणय प्रभात*
मैं ऐसा नही चाहता
मैं ऐसा नही चाहता
Rohit yadav
बालि हनुमान मलयुद्ध
बालि हनुमान मलयुद्ध
Anil chobisa
इतना गुरुर न किया कर
इतना गुरुर न किया कर
Keshav kishor Kumar
हिन्दी के हित
हिन्दी के हित
surenderpal vaidya
'Love is supreme'
'Love is supreme'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"राखी के धागे"
Ekta chitrangini
परिवार, प्यार, पढ़ाई का इतना टेंशन छाया है,
परिवार, प्यार, पढ़ाई का इतना टेंशन छाया है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
हुई स्वतंत्र सोने की चिड़िया चहकी डाली -डाली।
हुई स्वतंत्र सोने की चिड़िया चहकी डाली -डाली।
Neelam Sharma
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
डॉ.सीमा अग्रवाल
*हनुमान जी*
*हनुमान जी*
Shashi kala vyas
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
Manju sagar
" कू कू "
Dr Meenu Poonia
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
Anil Mishra Prahari
चांद बिना
चांद बिना
Surinder blackpen
"अजीब दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
श्रमिक  दिवस
श्रमिक दिवस
Satish Srijan
*चलो देखने को चलते हैं, नेताओं की होली (हास्य गीत)*
*चलो देखने को चलते हैं, नेताओं की होली (हास्य गीत)*
Ravi Prakash
दिये को रोशन बनाने में रात लग गई
दिये को रोशन बनाने में रात लग गई
कवि दीपक बवेजा
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
किए जिन्होंने देश हित
किए जिन्होंने देश हित
महेश चन्द्र त्रिपाठी
2801. *पूर्णिका*
2801. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
नव्य उत्कर्ष
नव्य उत्कर्ष
Dr. Sunita Singh
💐प्रेम कौतुक-410💐
💐प्रेम कौतुक-410💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कोशिश कम न थी मुझे गिराने की,
कोशिश कम न थी मुझे गिराने की,
Vindhya Prakash Mishra
दोस्ती
दोस्ती
Shashi Dhar Kumar
Loading...