बुरा दौर
चंद घण्टे पहले तुमने, जब लंकेश जलाया था,
सत्य रहा झूठ पे भारी, क्यूं तुमने बतलाया था ?
अन्याय की चिंगारी को, क्या प्रदेश सहेगा जी ?
रावण का भी रहा नहीं, क्या तेरा दंभ रहेगा जी?
जो करना है करले अपनी, हम भी अपनी ठानेंगे,
नाकों चने चबाएंगे हम तुम्हे झुकाकर मानेंगे ॥
25/10/2018
RD JANGRA