बुन्देली दोहा – चिरैया
बुन्देली दोहा विषय – चिरैया
छोटे पंखन से उड़े,सदा चिरैया डाल।
#राना दाना चुग चले,होती रहे निहाल।।
जहाँ चिरैया उड़ चले,अपने पंख पसार।
भुन्सारे से ही दिखे,#राना मुझे निखार।।
नईं चिरैया जानती,#राना कुछ छल छंद।
चहके सबके आँगना,बरसाती आनंद।।
सदा चिरैया प्यार से,उड़ कैं आती पास।
#राना डारत अन्न है,लगती मौखों खास।।
छोटी बेटी गेह की,कबै चिरैया ओय।
मानत प्यार दुलार है,#राना कैबौ मोय।।
*** दिनांक -16-12-2024
✍️ राजीव नामदेव”राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक-‘अनुश्रुति’त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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