बुद्ध पुर्णिमा
पांच मई तेईस
05/05/23 (2+3=5)=5.5.5
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जन्मदिवस है गौतम बुद्ध का,
पूजे भारत देश।
5 5 की तीन आवृति
जो है तिथि विशेष।
पांच तत्व से बना है मानव,
है प्रभु की शुभ रचना।
हरि मिलन औचित्य है इसका,
अशुभ कृत्य से बचना।
पंच पंच उंगली हाथ पैर में,
जीवन बने आसान।
इनका गर दुरपयोग हुआ तो,
नहीं ठौर शमशान।
पंचकर्म नासे वह व्याधी,
जो भी बड़ी असाध्य।
वैद्य बात को जब कोई माने,
रोग मिटे हो बाध्य।
हरि हर ब्रह्मा गनपत भानू,
कहलाते पंच देव,
सभी मनोरथ होते पूरे,
जो करे इनकी सेव।
पंचामृत में पांच अमर रस,
जो प्रभु का प्रसाद।
हरि पूजो फिर ग्रहण करो तो,
मिटे सकल अवसाद।
पंच कर्म इंद्री खुब भरमावें,
नित्य बढ़ावें आशा।
जितना भी दो कभी न तृपत,
भरमावें बेतहाशा।
पांच पांडव अति बलशाली,
युद्ध कभी न हारे।
कष्ट सहा पर न धर्मं छोड़ा
रहे श्रीकृष्ण सहारे।
पँचप्यारे दशमेश बनाया,
भेद बताया सारा।
पांच नाम गुर का जो सुमिरे,
अंदर हो उजियारा।
पाँच सौ पचपन साबुन अद्भुत,
धोवे पट की मेल।
पांच नाम मन की मल धोवे,
जपे कटे भव बेल।
पांच अंक पर गौर करो,
है पांच में बसता साँच।
पांच पांच से पांच शुरू करो,
कहा सृजन सब बांच।
सतीश सृजन, लखनऊ.