बुढ़ापा कोई
कौन इस वास्तविकता से
परेशान नहीं है।
जीवन तुझे जीना
इतना आसान नहीं है।
विवशता है बुढ़ापा कोई
अभिशाप नहीं है।
वृद्धाश्रम इस समस्या का
समाधान नहीं है।
गुजरना है हमें भी इस
अवस्था से एक दिन ।
ऐसा तो नहीं है कि
कर्मों का भुगतान नहीं है।
समझो तो इबादत
न समझो तो समस्या ।
माँ-बाप की सेवा से
बड़ा कोई पुन्य नहीं है।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद