बुझता चाराग हूं
मेरे हंथों में वो बात ही कहां साथी
छुए किसी पत्थर को और बुत तरास दे
अब सहरा भी पूछती है मुझ से नमी का पता
किस तरह कहें हम चल अंदर से ही खराश ले
बहुत देर तलक अब न टिम टिमाउगी मैं
बुझता हुआ चराग हूं चल थोड़ी दूर साथ दे
~ सिद्धार्थ
मेरे हंथों में वो बात ही कहां साथी
छुए किसी पत्थर को और बुत तरास दे
अब सहरा भी पूछती है मुझ से नमी का पता
किस तरह कहें हम चल अंदर से ही खराश ले
बहुत देर तलक अब न टिम टिमाउगी मैं
बुझता हुआ चराग हूं चल थोड़ी दूर साथ दे
~ सिद्धार्थ