बुंदेली दोहे- गउ (गैया)
#बुंदेली #दोहे विषय – #गउ (#गइया)
#राना गउ खौं मानियौ,पूजन के है योग्य।
अपनी कोशिश से हमें, दैतइ है आरोग्य।।
सुबह शाम गउ दूद दे,गौबर दैत बिलात।
दही मठा घी सब बनत,’राना’ तब मुस्कात।।
बसते गउ में देवता,कोटि तैतीस गान।
#राना भारत दे सदा,माता-सो सम्मान।।
बड़ै भाग्य सब मानियौ,जी घर गउ है मात।
‘राना’ कत यह गेह में,हौतइ नवल प्रभात।।
गउ कै बछबाँ हौ बड़े,बनै बैल दै काम।
#राना जौतें खेत खौं,भुन्सारे से शाम।।
एक #हास्य_दोहा
धना कात #राना सुनौ,मौरी तुम बडबाइ।
गउ कत ती भोरी हमें सबसैं सुनौ मताइ।।
🤔🤗 दिनांक-1-6-2024
✍️ #राजीव_नामदेव”#राना_लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “#आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘#अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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