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6 May 2023 · 2 min read

बुंदेली दोहा संकलन बिषय- गों में (मन में)

112बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -११२*
संयोजक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
#शनिवार#दिनांक ०६.०५.२०२३#
प्राप्त प्रविष्ठियां :-
बिषय—गों में(मन में)
####################
1
बानी बानन सैं बुरी,बरया दीनी मार।
गौं में दैकें रै गये,पैनी बाकी धार।।
***
प्रदीप खरे मंजुल टीकमगढ़
2
केवट सें श्री राम नें, मांगीं कड़वे नाँव।
गौं में अपनी दै गऔ,पैल पखारें पाँव।।
***
रामानन्द पाठक नन्द,नैगुआ
3
गों में दयँतो पैल सें , रावन अपनी बात ।
सोउ विभीषन काड़ दव , घर सें दैकें लात ।।
***
-प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़
4
गों में दैलो दुश्मनी,समय करौ पहचान।
फौरन कभ‌उं न डारिये, अपनी जोखिम जान।।
***
-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पंलेरा
5
गों में दें मौगों रयै , जानौ उयै गुडै़ल |
औसर पै ऐसौ फटत , करत काम सब फैल ||
***
-सुभाष सिंघई , जतारा
6
असली साँतर होत जो ,गौ में दै रै जात ।
मौका पर काड़ै कसर ,करैं कुठारा घात ।।
***
-शोभारामदाँगी, नंदनवारा
7
पल में पिरलय सौ परौ, लय रावन के प्रान।
गों में दै कें राम नें,मारे इकतिस बान।।
***
-डॉ देव दत्त द्विवेदी, बड़ा मलेहरा
8
गों में दयॅं तौ पैल सें, रावण निकरौ नीच।
सिया चुराई कपट कर,बनौ मृगा मारीच।।
***
-भगवान सिंह लोधी “अनुरागी”
9
गौं में दुर्योधन दयौ, कही द्रोपदी बात।
रचो महाभारत उतै, शकुनी रची बिसात।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी उप्र.
10

चतुर भले हो गाँव के, गों में धरो सुजान।
मौका पे चौका लगो, चूको नें चौहान।।
***
– श्यामराव धर्मपुरीकर गंजबासौदा,विदिशा म.प्र.
11
सकपकात फिरबें असुर,गों में दयँ हनुमान।
लंका पै डंका बजौ, असुर बचा रय प्रान।।
***
एस आर सरल ,टीकमगढ़
12
गों में बिष मौं में सुधा, तन साधू कौ भेस।
ठग रय जाँ-ताँ आज भी,कालनैम लंकेस।।
***
✍️ गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी बुड़ेरा
13

गों में दै लो बात जा,प्रिय बोलें सुख होत।
सत्य कहो सुमधुर कहो,जगे प्रेम की जोत।।
***
आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
14

गों में दयँ हनुमान जी,दुक गय पेड़ अशोक।
कैसें मुदरी डारवें, मिटै सिया कौ शोक।।
***
अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निवाड़ी
15

बदलौ लैबे भाइ सैं , दॅंयती गों में ऐंन ।
जइ कारन नकटी भई,ती रावण की बैंन।।
***
आशाराम वर्मा “नादान “पृथ्वीपुरी
16
की के गों में का छुपौ, कौ का गोंत लगात।
ठगबे खौं फिरतइ सबइ, जरामूर सें खात।।
***
“हरिकिंकर”, भारतश्री , ललितपुर
####@@@@@@@####

बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -११२
संयोजक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़

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