Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2023 · 2 min read

बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-139 शब्द-दांद

#बुन्देली_दोहा_प्रतियोगिता–139
##दिनांक-18-11-2023
*बिषय- #दाँद बुन्देली_दोहा_प्रतियोगिता–139
##दिनांक-18-11-2023
*बिषय- #दाँद(=अत्याधिक गर्मी, अनावश्यक बहस,उसम )
बुंदेली-दोहा प्रतियोगिता – 139
शनिवार, दिनांक- 18/11/2023
संयोजक- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़

प्रतियोगिता हेतु आज 16 प्रविष्ठियां प्राप्त हुई है जिनमें से 2दोहे दोषपूर्ण पाये गये है
एक दोहे के दूसरे चरण में दस मात्राएं है।
जबकि एक दूसरे दोहे का पहला चरण कलन में नहीं है व तीसरा चरण में नगण दोष है। शेष सभी दोहे सही है।
शुभकामनाएं सहित

बुंदेली-दोहा प्रतियोगिता – 139
शनिवार, दिनांक- 18/11/2023
संयोजक- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
बिषय- ‘ दाँद ‘

1
प्रतियोगी दोहा
होबै दाॅंद चुनाव में,जाड़ो ऊॅंग हिरात।
नेता कूलें खाट पै,इक -इक गुरा पिरात।।
***
-भगवान सिंह लोधी,हटा
2
दाँद मची भारी इतै, काँसें आव चुनाव।
को जीतै, को हारबै, साँसी मोय बताव।।
***
-प्रदीप खरे मंजुल, टीकमगढ़
3
जे कोऊ करजा करे, सैबू करत दाँद।
परवै ओखाँ नैं कबउँ, महाजनी जा माँद।।
***
– श्यामराव धर्मपुरीकर ,गंजबासौदा,विदिशा म.प्र.
4
उछबड़ कुरता धाँद कें , धर लव मनको राँद ।
अब चुनाव के माँद में , नेतन खाँ भइ दाँद ।।
***
-प्रमोद मिश्रा, बल्देवगढ़
5
दाँद मचा रय कछु जनै , अच्छौ भयौ चुनाव |
वोट न मौरे कयँ दयै , खूब पकर रय ताव ||
***
सुभाष सिंघई , जतारा
6
वाह कह दाँद दे रहे, जनी उड़ात मखोल ।
ताली जैसे ठुकत है,बजा देत हैं ढोल।।
***
डॉ. रंजना शर्मा, भोपाल
7
बंद कुठरिया में लगै,दाँद सई नइँ जात ।
बस में हो च टिरेन में ,गरमी सैं उकतात ।।
***
शोभाराम दाँगी, नदनवारा
8
जाकें जनता के घरै, दाँद नदी है झूँट।
की कौ बैठै तीन खों, कौन करोंटा ऊँट।।
***
अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निवाड़ी
9
दाँद परी है हूंक कें,पीठ कुरोरू ऐन।
खुजा खुजा कें हार गय,पल भर मिलो न चैन।।
***
आशा रिछारिया जिला निवाड़ी

10#प्रथम_पुरस्कार_प्राप्त

राज योग की रेख खौं , कोउ बाॅंच नइॅं पात।
दाॅंद करे में का धरौ , है किसमत की बात।।
***
आशाराम वर्मा “नादान ” पृथ्वीपुरी
11
दाॅंद मचा कें धर दई, ऐसो चढौ चुनाव।
दल- दल अपने पैंतरा,खूब लगाये दांव।।
***
रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी उप्र.
12
बुंदेली दोहा
डर गय बोट चुनाव के,बैठे हिम्मत बाँद।
हार जीत की तौ लगै, भीतर सबखों दाँद।।
***
डां देवदत्त द्विवेदी, बड़ामलहरा
13

सत्ता की जिनखों हती,अबलौ बेजाँ दाँद।
उनें हार कें ढूँड़नें, लुकबे कौनउँ माँद।।
***
रामानन्द पाठक ‘नन्द’,नैगुवा

14
तपी दुफैरी गैल में,निगे ततूरी फांद।
जैसइ घर भीतर घुसे,खूबइ मचकी दांद।।
***
-प्रभा विश्वकर्मा ‘शील’, जबलपुर

15#तृतीय_पुरस्कार_प्राप्त

होबै बदरा घाम चय, होबै बेजाँ दाँद।
लयें कुदरिया काड़तइ,कृषक खेत के काँद।।
***
-गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी

16 #द्वितीय_पुरस्कार_प्राप्त
भौत दिना तक आँसती,जा चुनाव की दाँद।
सालन चलती रंजसै, कैउ कुकाउत चाँद।।
***
-एस आर सरल ,टीकमगढ़
#############

संयोजक/एडमिन- #राजीव_नामदेव ‘#राना_लिधौरी’, टीकमगढ़
आयोजक- #जय_बुंदेली_साहित्य_समूह_टीकमगढ़
#Jai_Bundeli_sahitya_samoh_Tikamgarh
#Rajeev_Namdeo #Rana_lidhorI #Tikamgarh
मोबाइल नंबर-9893520965
&&&&&&&&&&&&&&&&&&&&

1 Like · 309 Views
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all

You may also like these posts

51…..Muzare.a musamman aKHrab:: maf'uul faa'ilaatun maf'uul
51…..Muzare.a musamman aKHrab:: maf'uul faa'ilaatun maf'uul
sushil yadav
चाय
चाय
अंकित आजाद गुप्ता
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
रुचि शर्मा
पत्थर
पत्थर
Arun Prasad
नजरे तो मिला ऐ भरत भाई
नजरे तो मिला ऐ भरत भाई
Baldev Chauhan
पत्थर
पत्थर
manjula chauhan
विचार-प्रधान कुंडलियाँ
विचार-प्रधान कुंडलियाँ
Ravi Prakash
हार
हार
पूर्वार्थ
कोंपलें फिर फूटेंगी
कोंपलें फिर फूटेंगी
Saraswati Bajpai
तन्हा -तन्हा
तन्हा -तन्हा
Surinder blackpen
हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे।
हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे।
Dr fauzia Naseem shad
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
The_dk_poetry
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!
गहरे ज़ख्म मिले हैं जिंदगी में...!!!!
Jyoti Khari
मर्यादाशील
मर्यादाशील
ललकार भारद्वाज
"जिनकी कलम से"
Dr. Kishan tandon kranti
आजमाइश
आजमाइश
AJAY AMITABH SUMAN
रखो माहौल का पूरा ध्यान
रखो माहौल का पूरा ध्यान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
क्या यही हैं वो रिश्तें ?
gurudeenverma198
ओ री गौरैया
ओ री गौरैया
Usha Gupta
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
Ravikesh Jha
सुबह का प्रणाम। इस शेर के साथ।
सुबह का प्रणाम। इस शेर के साथ।
*प्रणय*
आईना
आईना
Kanchan Advaita
* तेरी आँखें *
* तेरी आँखें *
भूरचन्द जयपाल
! विकसित भारत !!
! विकसित भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
सामान्यजन
सामान्यजन
Dr MusafiR BaithA
रख हौसले बुलंद तेरी भी उड़ान होगी,
रख हौसले बुलंद तेरी भी उड़ान होगी,
Sunil Maheshwari
“जो पानी छान कर पीते हैं,
“जो पानी छान कर पीते हैं,
शेखर सिंह
हम सम्भल कर चलते रहे
हम सम्भल कर चलते रहे
VINOD CHAUHAN
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
एक दिन आना ही होगा🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...