बुंदेली दोहा- तिगैला
#अप्रतियोगी_दोहा
बुंदेली दोहा- #तिगैला
जितै तिगैला जब मिलै,#राना कर ठहराव।
दुर्घटना भी नँइँ घटै,अपनौ करौ बचाव।।
वाहन दौरत आजकल ,#राना सूँटै जात।
नँईं तिगैला देखतइ ,आपस में टकरात।।
मिलै तिगैला अब जितै,#राना है आदेश।
धीमी गति का राखियौ,चलने का परिवेश।।
चाय पान गुमटी खुली,जितै तिगैला हौंय।
#राना उत सब बैठकें,सुखड़ा-दुखडा रौंय।।
हलचल #राना अब रयै,मिले खूब अब दोड़़।
चउवर दिखतइ आदमी,जितै तिगैला मोड़।।
#हास्य_दोहा
धना कहै #राना सुनो,अबइँ तिगैला जावँ।
दद्दा पिटिया लयँ खड़े,उनै लिवा कै आवँ।।
***दिनांक-27-7-2024
✍️ #राजीव_नामदेव”#राना_लिधौरी”
संपादक “#आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘#अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष #वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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