जोरू का गुलाम
दीपा के कैसे हाल-चाल हैं? उसके बच्चे कैसे हैं? ससुराल में वह खुश तो है न? पड़ोस वाली ताई आज कई दिन बाद आई थी। सो, बिटिया का हाल-चाल पूछ रही थी। ”ससुराल में राज कर रही है आप की लाडली। घर में उसी की चलती है, मजाल है जो दमाद जी बिना उसकी मर्जी कोई कदम भी उठाते हों।” मालती ने बड़े गर्व से सिर ऊंचा करते हुए जवाब दिया। बोली- बेटियां खुश रहे…यही हमारी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि है।”
कुछ इधर-उधर की बातें करने के बाद ताई ने मालती के घर का जायजा लेना चाहा। ”…और बहू-बेटा?” ताई ने पूछ ही लिया। ”अरे उनकी तो कुछ मत पूछो सखी, वो तो ठहरीं महारानी और हमारा बेटा उनका गुलाम। बहूरानी यही चाहती हैं कि हमारा बेटा उनके इशारों पर नाचे, मां हम नहीं मानो वो हों।
© अरशद रसूल