बीमा
क्षणिकाएं / हंसिकाएं
बीमा
रोज-रोज उनके घर जाने को
कराना पड़ा मुझे बीमा
बात थी सिर्फ इतनी
उनकी जवान बेटी सीमा।
प्रेमपत्र
प्रेम में एवं
प्रेम से लिखा गया पत्र।
अभिनेता
अभिनय के माध्यम से
बताये अपने को नेता
वही होता है अभिनेता।
दृष्टिकोण
वह दृष्टि
जो दूसरे के दिल पर
अपने दिल की तरह
कोण बना दे।
बहुमूल्य
जो बहू
मूल्य लेकर आवे
होती है बहुमूल्य।
नेता
जो जनता को पिलाए
भाषण का ठंडा जूस
बात-बात पर दिखाए
जनता को ईसा का क्रुस
जिसकी न कोई हो पत्नी
और न ही कोई बेटा
वही आजकल होता नेता।
राजनीति
जो नीति हो राज की
कि कैसे करें राज।
आतंकवादी
जो शोर मचाये जाकर वादी-वादी
आतंक मचाने का हो गया हो आदी
न कोई अपना, न समाज, न शादी
इन्हें ही लोग कहते आतंकवादी।
जवानी
मैं जब पूछा उनसे
क्या होती है जवानी ?
वह आंखे मारी और बोल पड़ी
आओ, पहले करें हम नादानी !
अनुभव
एक पत्रिका की संपादिका को
एक नवविवाहिता, प्रकाशन हेतु
अपने सुहागरात का अनुभव लिख भेजी
कुछ ही दिनों के बाद संपादिका की चिट्ठी आई
अच्छा किया, मेरी शादी से पहले आपने
यह बात बतायी।
चक्कर
एक प्रबंधक से पूछा
महिला कर्मचारी रखने के फायदें ?
बोला – अब कोई काम नहीं आतीं
सिर्फ करती हैं बड़े-बड़े वायदें।
ज्वलंत
शिक्षिका ने छात्र से कहा –
ज्वलंत से कोई वाक्य बनाओ।
छात्र – मैडम, आप बहुत प्यारी हैं,
यह एक ज्वलंत समस्या है।।
प्रश्न
ऐसा क्यों, पहले तुम आग थी
फिर पानी हुई और अब धुआं हो गई
वह बोल पड़ी –
जाॅनी, मैं हुक्का बन गई।
लक्ष्मी
एक लड़की बुजुर्ग महिला से पूछी
कहां रहती है लक्ष्मी ?
बुजुर्ग महिला मुस्कराई
और खुशी से उसके सिर पर
हाथ रखकर बोली –
जहां दुल्हन दहेज लेकर
आए न, वहां !
चरित्र
इश्क के मैदान में
कौन जीता, कौन हारा
तभी वह कहता आया –
तुम ही जीत लो,
मैंने इसका चरित्र
पता कर लिया है।