बीमारी से सब बचें, हों सब लोग निरोग (कुंडलिया )
बीमारी से सब बचें, हों सब लोग निरोग (कुंडलिया )
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बीमारी से सब बचें, हों सब लोग निरोग
सबकी दीखे नासिका , लय में करती योग
लय में करती योग, हाथ- पैरों में बल हो
आँखे देखें साफ , कान की गति निर्मल हो
कहते रवि कविराय, जिंदगी वह ही प्यारी
जिसमें हो उत्साह , नहीं कोई बीमारी
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451