बीच मझधार छोड़ चले गए
दर्द देने वाले बखूबी अपना काम कर गए,
हमदर्दी दिखाने वाले बीच मझधार छोड़ चले गए,
मालूम था हमें हमदर्द कोई नहीं दुनिया में,
बड़ी-बड़ी डींगे मारने वाले बीच मझधार छोड़ चले गए,
अच्छा किया, दर्द को और दर्द देकर नासूर बना दिया, याद हमेशा रहेगी जो बीच मझधार छोड़ चले गए,
रिश्तो पर भरोसा ना करना वह हमें सिखा गए,
कौन था अपना और कौन था पराया हमें बता गए,
जिंदगी काटनी है हमें अकेली, हमें सिखा गए,
जो हमें बीच मझधार छोड़ चले गए…
उमेंद्र कुमार