बिहार चुनाव और तिरंगा
माफ़ कीजिएगा, मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा किंतु एक लेखक होने के नाते चुप भी नहीं रह सकता।??मात्र एक झण्डा ही नहीं अपितु हमारी आन बान शान है, हमारी पहचान है तिरंगा। जब कोई व्यक्ति विदेश जाता है, तो वह यह नहीं कहता कि मैं बिहारी हूँ, मैं झारखण्डी हूँ, मैं बंगाली हूँ,……वहाँ सिर्फ़ एक ही बात बोलना पडता है साहब कि “मैं भारतीय हुँ।”मुझे समझ नहीं आती एक बात ये चंद नेता लोग होते कौन हैं तिरंगे का अपमान करनेवाले। इनको पता भी है तिरंगा होता क्या है, या ये सिर्फ देश को लुटना ही जानते हैं।संविधान को ही अगर मानना है,तो मुझे बताओ कहाँ लिखा है कि तिरंगे के उपर खडे होकर भाषणबाजी करो, चुनावी सभा करो, बताओ कहाँ लिखा है।बहुत दुखता है दिल मेरा जब कोई तिरंगे का अपमान करता है, चाहे वो मुख्यमंत्री नितिश कुमार हो, चाहे तेजस्वी यादव चाहे आम नागरिक।गलत गलत होता है साहब तिरंगा हम भारतीयों की माता है और कलयुगी बेटे की तरह पैरों तले कुचल रहे हो तिरंगे को। कैसी बेशर्मनाक हरकत है ये।चुनाव तो आते जाते रहेंगे किंतु तिरंगा…?एक तो चलो नौवीं फेल है, परंतु हद तो तब हो गई जब और एक दो नेता लोग ऐसा ही करने लगे। आपलोग नेता है देश के कुछ तो शर्म करो!आपलोगों की इस बेहुदापन को सिर्फ बिहार ही नहीं पुरा देश देख रहा है, नोट के दम पर जो करना है करो! तिरंगे का अपमान इस देश का अपमान है, अभी भी समय है सुधर जाइए वरना जनता बुडबक्क नहीं है, पढी-लिखी समझदार है, साहब।
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जय हिंद।
वंदे मातरम्।
भारत माता की-जय।
सत्य सनातन धर्म की-जय।
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