बिन प्यार के तेरे
बिन प्यार के तेरे
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जिंदगी की उड़ान जैसे थम सी गई थी
बिन तेरे ये जिंदगी जैसे रुक सी गई थी,
तेरा आना तो है जैसे उम्मीद की एक किरण
वर्ना जिंदगी नाउम्मीद ठहर सी गई थी।
सब कुछ लुटाए बैठा था इंतजार में तेरे
सांसे भी बची थीं गिनती की दीदार को तेरे,
तेरा आना तो है जैसे मिला जीवन नया मुझे
वर्ना जिंदगी बे रौनक थी बिन प्यार के तेरे।
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट, मध्य प्रदेश