बिना किताब खोले
चलो
आज सामने पड़ी है
कई मुद्दतों के बाद मिली है
मुश्किल से हाथ लगी है
इसकी इज्जत की परत दर परत
धज्जियां उड़ाते हैं
इसके आत्मविश्वास को
डगमगाते हैं
बिना किताब खोले
बिना इसके पन्नों को पलटे
बिना इसमें लिखी कहानी
जाने
किसी के कहने पर
इसके कवर और
इसके पन्नों को
बुरी तरह से फाड़ते हैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001