बाल वीर हनुमान
हे अंजनी के लाल पवनसुत बाल वीर हनुमान
धन्य तुम्हारे मात-पिता कर्म और भक्ति महान जन-जन तुमको नित्य ही ध्याते
तन स्वस्थ मन सुखी बनाते
संकट जब सज्जन पर आते
पल भर की ना देर लगाते
हर ते सब जन जन की पीरा
बल बुद्धि विद्या मतीधीरा
आधिव्याधि नहीं सतावे
प्रेम से जो जन हरी गुण गावे
सदा निभाए नित्य नियम करें भोर स्नान
जीवन सुखद बनाए जन धरे तुम्हारा ध्यान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी