Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2022 · 1 min read

गणेश जी (बाल कविता)

गणेश जी (बाल कविता)
_______________________
(1)
बच्चों देखो यह गणेश जी
प्रथम पूज्य कहलाते
इनका वाहन चूहा है, पर
प्रथम दौड़ में आते ।।
(2)
एक बार थी बहस
प्रथम देवों में कौन कहाए
तय पाया जो चक्कर जग का
प्रथम लगा आ जाए।।
(3)
गणपति जी ने पिता और
माता को शीश झुकाया
उनकी ही जब की परिक्रमा
जग सारा हर्षाया।।
(4)
सबने कहा पिता माता के
चक्कर सही लगाए
इसका अर्थ यही है
सारा जगत घूम यह आए।।
(5)
गणपति जी ने पिता और
माता का मान बढ़ाया
जग में वे आगे बढ़ते हैं
जिनमें गुण यह आया।।
————————————-
रचयिता ः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

223 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
Rj Anand Prajapati
ग्रीष्मकाल के दौर में
ग्रीष्मकाल के दौर में
*Author प्रणय प्रभात*
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
रिश्तों के मायने
रिश्तों के मायने
Rajni kapoor
आपको देखते ही मेरे निगाहें आप पर आके थम जाते हैं
आपको देखते ही मेरे निगाहें आप पर आके थम जाते हैं
Sukoon
3009.*पूर्णिका*
3009.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
मेरी रातों की नींद क्यों चुराते हो
Ram Krishan Rastogi
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
*सहायता प्राप्त विद्यालय : हानि और लाभ*
*सहायता प्राप्त विद्यालय : हानि और लाभ*
Ravi Prakash
मन मर्जी के गीत हैं,
मन मर्जी के गीत हैं,
sushil sarna
अम्बे भवानी
अम्बे भवानी
Mamta Rani
तुम पंख बन कर लग जाओ
तुम पंख बन कर लग जाओ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जन्म दिवस
जन्म दिवस
Aruna Dogra Sharma
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
रंग पंचमी
रंग पंचमी
जगदीश लववंशी
जामुनी दोहा एकादश
जामुनी दोहा एकादश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
इंसानियत
इंसानियत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"कड़वा सच"
Dr. Kishan tandon kranti
रोशनी की भीख
रोशनी की भीख
Shekhar Chandra Mitra
एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पै
एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पै
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Have faith in your doubt
Have faith in your doubt
AJAY AMITABH SUMAN
जिस के नज़र में पूरी दुनिया गलत है ?
जिस के नज़र में पूरी दुनिया गलत है ?
Sandeep Mishra
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
शिव प्रताप लोधी
नीलम शर्मा ✍️
नीलम शर्मा ✍️
Neelam Sharma
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
गरिमामय प्रतिफल
गरिमामय प्रतिफल
Shyam Sundar Subramanian
झूठ भी कितना अजीब है,
झूठ भी कितना अजीब है,
नेताम आर सी
लैला लैला
लैला लैला
Satish Srijan
"महंगा तजुर्बा सस्ता ना मिलै"
MSW Sunil SainiCENA
Loading...