बारिश की ये पहली फुहार है
हर तरफ माहौल खुशगवार है
बारिश की ये पहली फुहार है
होने लगा है धान की रोपाई
गा रहीं गीत भाभी चाची ताई
सोंधी – सोंधी सी मिट्टी महके
खेत में पानी की धारा बहके
शीतल-शीतल बहती बयार है
बारिश की ये पहली फुहार है
गलियों में निकल पड़े हैं बच्चे
भागते – गिरते रास्ते हैं कच्चे
हर तरफ हरियाली दिखने लगी
कागज की कस्ती तैरने लगीं
गीले – गीले आंगन घरबार है
बारिश की ये पहली फुहार है।
बादल लगें हैं काले – काले
भर रहे अब तालाब – नाले
धरती में छुपे बीज हंसने लगे
आ रहा हूं बाहर कहने लगे
मालिक तेरी महिमा अपार है
बारिश की ये पहली फुहार है।
नूर फातिमा खातून” नूरी”
जिला -कुशीनगर
उत्तर प्रदेश