बारहमासा गीत
जहवाँ बरहो मास रहेला गुलजार सजनी -२
अइसन भारत बा देशवा हमार सजनी -२
फागुन में होली आवे
और सबके मन हरसावे-२
अरे चैत में रहे नवरातर के बहार सजनी
अइसन भारत बा देशवा हमार सजनी -२
जे वैशाख में पानी पियावे
ते पुण्य प्रताप बढ़ावे-२
पूरे जेठ में रहेला गरमी अपरम्पार सजनी
अइसन भारत बा देशवा हमार सजनी -२
जब असाढ़ महीना लागै
तब थोड़े गरमी भागै -२
सावन में रहेला बारिश के फुहार सजनी
अइसन भारत बा देशवा हमार सजनी -२
भादो में जन्माष्टमी आवे
लोगवा धूमधाम से मनावे -२
क्वार में पितरन के होला उद्धार सजनी
अइसन भारत बा देशवा हमार सजनी -२
कातिक में जब आवे दिवाली
माई लक्ष्मी भरें झोली खाली -२
अगहन से बढेला सर्दी
ई केहू न छोड़े बेदर्दी-२
अरे पूष में रहे सर्दी के भरमार सजनी
अइसन भारत बा देशवा हमार सजनी -२
महाकुम्भ माघ में आवे
लोगवा संगम तीरथ जावे -२
माई गंगा करेलीं सबका के उद्धार सजनी
अइसन भारत बा देशवा हमार सजनी -२
-सिद्धार्थ गोरखपुरी