बाबा साहेब अम्बेडकर / मुसाफ़िर बैठा
वंचित मानव का बन आधुनिक अग्रदूत
भारत की धरती पर उपजा यह सपूत
अविकल मानवीय अधिकार का पैरोकार
आजाद देश के सिद्धांत पत्र, संविधान के रचनाकार
छुआछूत और जातिदंश झेल पला पढ़ा
धर्म और जाति विकृतियों को मिटाने को पिल पड़ा
कबीर बुद्ध फुले के से मानवतावादियों से ले प्रेरणा प्रबल
एक उदार राजा से पा वजीफा व संबल
बढ़ाया अपना मनोबल आकांक्षाओं को ऊंची उड़ान दी
की विलायत जा ऊंची पढ़ाई अर्थशास्त्र की, कानून की
अपनी दृष्टि और योग्यता का देश विदेश में लोहा मनवाया
दलितों के प्रति समाज में पूर्वग्रह पलता पाया
इसका खमियाजा खुद भी पाया
हिन्दू समाज की नब्ज टटोली भयंकर बीमार पाया
करोड़ों वंचितों का हितचिन्तक जनप्रतिनिधि रूप में कोई चुनाव जीत नहीं पाया
किया मंथन समाज व्यवस्था की शोचनीय दशा पर दलितों ने जिस व्यवस्था में सबसे अधिक नुकसान उठाया
हिन्दू धर्म के सामाजिक राजनीतिक मठाधीशों को जांचा आजमाया
गाँधी हों, जात पांत तोड़क मंडल जैसा उदारवादी हिन्दू मंच हो या हो कोई और
उन्हें दलित-वंचित प्रश्न पर हिन्दू वर्णव्यवस्था की हरम और तरणताल में साफ़ नहाते पाया
भेदभाव से भरे समाज से मानवता के ख्याल से मरे समाज से जाति धर्म में बंटे सड़े समाज से
कोई उम्मीद जब रही न बाकी
जन्मधर्म त्यागने का ऐतिहासिक निर्णय लिया
हिन्दू धर्म की विकृतियों के अागे समरस बौद्ध धम्म का वरण किया।