बाण मां सू अरदास
म्हैं बाळक नादान मावड़ी
आयौ चितौड़ थांन मावड़ी
बुधि दहिजै बाण मावड़ी
धरूं हरदम ध्यान मावड़ी
जुग मे हुवै स्यांन मावड़ी
अवल राखै आंन मावड़ी
मोकळौ हुवै मांन मावड़ी
च्यांरु कूंटा नाम मावड़ी
मन रौ देय वरदान मावड़ी
कोठां भरजै धान मावड़ी
सुख संपत री खांन मावड़ी
आसा अभयदान मावड़ी
कुळ री उजळ कांण मावड़ी
थ्हां सूं हैं अभिमान मावड़ी
रिदै करूं बहुमांन मावड़ी
अंतस भरजै ग्यांन मावड़ी
ज्यूं तलवारां म्यान मावड़ी
दया करजै दांन मावड़ी
स्नेह करूं स्नान मावड़ी
आसीस अमृतपान मावड़ी
भगतां राखै भांन मावड़ी
रोगां करै निदांन मावड़ी
अवनी में दइवांन मावड़ी
थ्हांरै हाथां प्राण मावड़ी
थूं हैं दयानिधान मावड़ी
जीतू करै गुणगान मावड़ी
महिमां रौ वखांण मावड़ी
चरणै देय स्थान मावड़ी
चरणै देय स्थान मावड़ी।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️