Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2024 · 1 min read

बाण मां री महिमां

चितौड़ तुरकै घेरियौ,
कियौ घणौ अनियांव मावड़ी।
निरबळ निरधन लूटतां
गेहरा दीधा घाव मावड़ी।।
हम्मीर हिमत राखियां,
आप दियौ दरसाव मावड़ी।
पल में मारग दाखियौ,
छत्तर राखी छांव मावड़ी।।
जबर रण में जूझियां,
अंतस भरियौ उच्छाव मावड़ी।
दुसमी मरमट घालियां
लाज रखी अणमाव मावड़ी।।
संत सती अर सूरमा,
नमियां सब उमराव मावड़ी।
जीतू गहलोत महिमां गावै,
मांडै मन रा भाव मावडी।।

जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️

Language: Rajasthani
70 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
हाइकु: गौ बचाओं.!
हाइकु: गौ बचाओं.!
Prabhudayal Raniwal
बचपन याद बहुत आता है
बचपन याद बहुत आता है
VINOD CHAUHAN
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
Buddha Prakash
ममतामयी मां
ममतामयी मां
Santosh kumar Miri
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
कई मौसम गुज़र गये तेरे इंतज़ार में।
Phool gufran
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
अपना तो कोई नहीं, देखी ठोकी बजाय।
Indu Singh
किसने कहा पराई होती है बेटियां
किसने कहा पराई होती है बेटियां
Radheshyam Khatik
हर राह सफर की।
हर राह सफर की।
Taj Mohammad
ढूँढ़   रहे   शमशान  यहाँ,   मृतदेह    पड़ा    भरपूर  मुरारी
ढूँढ़ रहे शमशान यहाँ, मृतदेह पड़ा भरपूर मुरारी
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जिन रिश्तों को बचाने के लिए या अपनी ज़िंदगी मे उनके बने रहने
जिन रिश्तों को बचाने के लिए या अपनी ज़िंदगी मे उनके बने रहने
पूर्वार्थ
जिंदगी भर की कहानी यही है
जिंदगी भर की कहानी यही है
Shweta Soni
हृदय की बेचैनी
हृदय की बेचैनी
Anamika Tiwari 'annpurna '
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
शिव प्रताप लोधी
दुआ
दुआ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
प्रेम पीड़ा का
प्रेम पीड़ा का
Dr fauzia Naseem shad
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
*मनुज ले राम का शुभ नाम, भवसागर से तरते हैं (मुक्तक)*
*मनुज ले राम का शुभ नाम, भवसागर से तरते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
बिखरी छटा निराली होती जाती है,
बिखरी छटा निराली होती जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
4564.*पूर्णिका*
4564.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल पहले शीशा था,अब पत्थर बना लिया।
दिल पहले शीशा था,अब पत्थर बना लिया।
Priya princess panwar
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
Neeraj Agarwal
"अचरज "
Dr. Kishan tandon kranti
मु
मु
*प्रणय*
मैंने बेटी होने का किरदार किया है
मैंने बेटी होने का किरदार किया है
Madhuyanka Raj
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
Ranjeet kumar patre
Loading...