बहोत दिनों बाद आये हो,….
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बहोत दिनों बाद आये हो,
जैसे क़त्ल का सारा सामान लाये हो,
कैसे ना डूबे इन नशीली आँखों में
तुम तो महफ़िल में महकता जाम लाये हो।
(अवनीश कुमार )
फिर वही दिलदारी,
फिर वही मोहब्बत,
फिर वही तुमसे दुरी
फिर वही मेरी लाचारी,