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3 Oct 2023 · 1 min read

बहुत दिनन के बाद

कृपा भइल बा रघुराई के बहुत दिनन के बाद
प्यास बुझल धरती माई के बहुत दिनन के बाद

लौटल प्रान मरल घासिन के बहुत दिनन के बाद हरिहर भइल गाछि बगियन के बहुत दिनन के बाद

गरमी के ठमकल मनमाना बहुत दिनन के बाद सबका मौसम लगल सुहाना बहुत दिनन के बाद

मेढक खूब टर्रातारे सन बहुत दिनन के बाद
पानी में उपरातारे सन बहुत दिनन के बाद

मन कइलसि हम नाचीं गाईं बहुत दिनन के बाद
आज एक कविता लिखि जाईं बहुत दिनन के बाद

सजी किसानन के मन हरसल बहुत दिनन के बाद आज कचरि के पानी बरसल बहुत दिनन के बाद

Language: Bhojpuri
188 Views
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