बहुत कह गया बेवफ़ा कहते – कहते
बहुत कह गया बेवफ़ा कहते – कहते
नदामत के बदले हंसा कहते – कहते
मना जिसके बारे में कर भी दिया था
वही सब कहा अनकहा कहते – कहते
नहीं आस कोई बची थी ज़रा सी
मगर हो गया फ़ैसला कहते – कहते
मगर पुरख़तर रास्ता था नदी का
हुये पार हम भी ख़ुदा कहते – कहते
हमें उसकी हालत पे अफ़सोस भी है
नहीं बेज़ुबां था थका कहते – कहते
वो नज़दीक आये ज़रा रफ़्ता-रफ़्ता
बहुत कम हुआ फ़ासला कहते – कहते
हमें उसकी आंखें पता दे रही हैं
वो रोये बहुत हैं दुआ कहते – कहते
विदा ले रहे थे ज़माने से दोनों
वो नज़दीक थे अलविदा कहते – कहते
उसे मुफ़लिसों की मदद जो थी करनी
न ‘आनन्द’ माना मना कहते – कहते
– डॉ आनन्द किशोर