Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

बहुतों ने बहुतों से मोहब्बत किया, उस मोहब्बत में बहुतों ने ब

बहुतों ने बहुतों से मोहब्बत किया, उस मोहब्बत में बहुतों ने बहुत कुछ गवा दिया।
हम तो राष्ट्र से प्रेम किया, राष्ट्र के लिए जी रहे हैं और जो भी कुछ गवा रहे हैं वो राष्ट्र के लिए गवा रहे हैं।

@जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार

55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास से -
मेरे शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास से -
kaustubh Anand chandola
आपके स्वभाव की सहजता
आपके स्वभाव की सहजता
Dr fauzia Naseem shad
प्यार ना सही पर कुछ तो था तेरे मेरे दरमियान,
प्यार ना सही पर कुछ तो था तेरे मेरे दरमियान,
Vishal babu (vishu)
कोन ल देबो वोट
कोन ल देबो वोट
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
Neeraj Agarwal
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
*दीवाली मनाएंगे*
*दीवाली मनाएंगे*
Seema gupta,Alwar
पृथ्वी
पृथ्वी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रोटी की ख़ातिर जीना जी
रोटी की ख़ातिर जीना जी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ आदी हैं मल-वमन के।।
■ आदी हैं मल-वमन के।।
*Author प्रणय प्रभात*
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
Harminder Kaur
वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं।
वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं।
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-506💐
💐प्रेम कौतुक-506💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बेटी को मत मारो 🙏
बेटी को मत मारो 🙏
Samar babu
16. आग
16. आग
Rajeev Dutta
केवल
केवल
Shweta Soni
बिना आमन्त्रण के
बिना आमन्त्रण के
gurudeenverma198
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
प्यार हुआ कैसे और क्यूं
Parvat Singh Rajput
ये कटेगा
ये कटेगा
शेखर सिंह
कैसे कह दूं मुझे उनसे प्यार नही है
कैसे कह दूं मुझे उनसे प्यार नही है
Ram Krishan Rastogi
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
" माटी की कहानी"
Pushpraj Anant
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
पूर्वार्थ
पापा की परी
पापा की परी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
Dr Archana Gupta
घाव करे गंभीर
घाव करे गंभीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
उड़ रहा खग पंख फैलाए गगन में।
उड़ रहा खग पंख फैलाए गगन में।
surenderpal vaidya
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
umesh mehra
Loading...