Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2022 · 1 min read

बहाना क्यूँ बनाते हो ( सवाल-1 )

जो कहना है कहो खुलके
बहाना क्यूँ बनाते हो
इन भूली बिसरी गलियों में
तुम भी अपना सर झुकाते हो
माना कि बादशाह हो तुम
अपनी जिंदगी के दरमियान
फिर भी कमबख्त इश्क़ को
पल पल आजमाते हो
जो कहना है कहो खुलके
बहाना क्यूँ बनाते हो
क्या अब भी याद तुझे तेरी
वो सपनों वाली शहजादी
जो रिमझिम गिरती बारिश में
मोरनी बनके आ जाती
क्या अब भी रुकी हुई हैं नजरें
तेरी उनकी राहों में
या फिर सब कुछ भूल-भुला के
तुम आगे बढ़ जाते हो
बताओ ना!
बहाना क्यूँ बनाते हो
… भंडारी लोकेश✍️

Language: Hindi
2 Likes · 196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम दोषी हो?
तुम दोषी हो?
Dr. Girish Chandra Agarwal
दिलकश
दिलकश
Vandna Thakur
I sit at dark to bright up in the sky 😍 by sakshi
I sit at dark to bright up in the sky 😍 by sakshi
Sakshi Tripathi
ब्याहता
ब्याहता
Dr. Kishan tandon kranti
फ़िलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष: इसकी वर्तमान स्थिति और भविष्य में शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
फ़िलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष: इसकी वर्तमान स्थिति और भविष्य में शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
पितृ स्तुति
पितृ स्तुति
दुष्यन्त 'बाबा'
जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए।
जब तुम आए जगत में, जगत हंसा तुम रोए।
Dr MusafiR BaithA
2435.पूर्णिका
2435.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
खिन्न हृदय
खिन्न हृदय
Dr.Pratibha Prakash
नेता
नेता
Punam Pande
श्रीजन के वास्ते आई है धरती पर वो नारी है।
श्रीजन के वास्ते आई है धरती पर वो नारी है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
■ हार के ठेकेदार।।
■ हार के ठेकेदार।।
*Author प्रणय प्रभात*
अरे! पतझड़ बहार संदेश ले आई, बसंत मुसुकाई।
अरे! पतझड़ बहार संदेश ले आई, बसंत मुसुकाई।
राकेश चौरसिया
ठिठुरन
ठिठुरन
Mahender Singh Manu
‌!! फूलों सा कोमल बनकर !!
‌!! फूलों सा कोमल बनकर !!
Chunnu Lal Gupta
💐अज्ञात के प्रति-110💐
💐अज्ञात के प्रति-110💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कभी कभी मौन रहने के लिए भी कम संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
कभी कभी मौन रहने के लिए भी कम संघर्ष नहीं करना पड़ता है।
Paras Nath Jha
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
पृथ्वीराज
पृथ्वीराज
Sandeep Pande
ढलता वक्त
ढलता वक्त
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
पश्चिम हावी हो गया,
पश्चिम हावी हो गया,
sushil sarna
सियाचिनी सैनिक
सियाचिनी सैनिक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मंजिल तक पहुंचने
मंजिल तक पहुंचने
Dr.Rashmi Mishra
*कविता कम-बातें अधिक (दोहे)*
*कविता कम-बातें अधिक (दोहे)*
Ravi Prakash
क्या मागे माँ तुझसे हम, बिन मांगे सब पाया है
क्या मागे माँ तुझसे हम, बिन मांगे सब पाया है
Anil chobisa
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
Rj Anand Prajapati
आज हम जा रहे थे, और वह आ रही थी।
आज हम जा रहे थे, और वह आ रही थी।
SPK Sachin Lodhi
We make Challenges easy and
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
हम कितने आजाद
हम कितने आजाद
लक्ष्मी सिंह
Loading...