बस यूँ ही…
तुम ही हो,
जो कर सकते हो..
बस, तुम ही तो हो
जो चुरा सकता है
मेरी जुबान पर आते अल्फाज़,
मेरे सीने से धड़कने मेरी
मेरी आँखों से सुनहरे ख्वाब.
बस, तुम ही तो है
छू सकते हो खूबसूरत
तुम्हारी यादों की धरोहर…
तुम ही तो हो
जो भर सकता है,
मेरे जीवन की रिक्तता को
और,
बस तुम ही तो हो
जो मेरी रूह से सरगोशी कर
पंहुच सकती हो मुझ तक.
हिमांशु Kulshreshtha