बस अब विदाई कर दो..
रफ्ता रफ्ता बीत गया मैं भी,
बस अब मेरी विदाई कर दो..
पुराने वर्ष की विदाई के साथ,
आज मेरी भी विदाई कर दो …..
चाहते तो बहुत थी मगर,
सब छोड़ दिया तुम्हारे लिए…
चलो तुम भी आज,
अपनी चाहत (हमसे) आखरी कर लो….
तेरी आंखों के बदले आज हम पानी रख ले,
मेरा सब कुछ तुम अपनी पास रख लो …
अपनी सुर्ख मोहब्बत को दिखा दो आज
मुझे अब ,बस अब विदा कर दो..
बस अब विदा कर दो..
उमेंद्र कुमार