बसंत ऋतु आई
बसंत ऋतु आई
प्रेम का संदेशा लाई
फूलों को भंवरे के
भंवरे को फूलों के
करीब ले आई
तन को पुलकित कर गई
मन को कल्पनाओं के
सुनहरी रंगों से भर गई
सूरज ने ओढ़ा दी हो जैसे
एक पीली चादर
भूमि के सारे उपवन को
तितलियों के पंखों पर भी जैसे
सूरज की किरणों की आंच
लग गई
एक सुनहरी आभा में डूब गया
सारा संसार
चांद की चांदनी को हो गया हो
जैसे चांद के मुखड़े से अधिक
उसके पीले रंग के मनमोहक
श्रृंगार के पितांबर धारण करे आवरण से प्यार।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001