बशारत
बशारत ही दे यार आया है, जो साल नया
लड़ लेंगे बुराइयों से, रखें है जो ढ़ाल नया
बुनने दो, बुनने वालो को, जाल नया नया
तुम मिलाते चलो, ताल से ताल नया नया
बुरी ख़बरे दे रहा आया है, जो साल नया
मचा है हाहाकार आया है, जो काल नया
दौड़ रहा तिगुने , चौगुने , पांचगुने गति में
जैसे घोड़े की तरह पैर में पहने नाल नया
नही जायेगा ये,कोरोना,डेल्टा,ओमीक्रॉन
वायरस, चाहें कितने भी आये साल नया
बशारत दे रहा क्या, आया जो साल नया
पड़ा है क्या फर्क कुछ, हुआ है हाल नया
हमे तो पता है,अब होगा नही कुछ करके
चाहें जिसे चुनलो ,चुनलो लोकपाल नया
देने को है नही उत्तर पूछ रहे सवाल नया
राजनीति में देखो तो मचा है बवाल नया
बशारत = अच्छी खबर ,शुभ संदेश
©® Premyad kumar naveen
Dist. :- Mahasamund (C.G)