“ बदलता भारत “
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
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नसीहत दिया फजीहत किया !
ना माना कभी,परेशान किया !!
बेवजह सर को झुकाना पड़ा !
चाहत को दिलसे हटाना पड़ा !!
मूक दर्शक बन के देखते रहे !
मुसीबतों को हम झेलते रहे !!
योजनायें रोज ही बनती रही !
मंहगाईयां रोज ही बढ़ती रही !!
निरीह को सदा कुचला गया !
देशद्रोह वह यहाँ बनता गया !!
कायर को कहते यहाँ वीर हैं !
गाँडीव में कटुता के तीर हैं !!
सद्भावना विलुप्त हो गया !
द्वेष घृणा ही अब रह गया !!
प्रेम से एक भारत बनाओ !
स्वर्णअक्षरों मे नाम लिखाओ !!
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डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
नाग पथ
शिव पहाड़
दुमका
02.12.2021