Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2023 · 4 min read

बदनाम डॉक्टर

बदनाम डॉक्टर

कलाकार
झुनी :- तंत्र मंत्र पूजा पाठ कराने वाला.
रघु :- झुनी के बहनोई.
रामु :- जिसके साथ घटना घटता है.
खेनर :- जो डाॅक्टर है.
बाबा :- जो तंत्र मंत्र विद्या के बारे में जानते हैं.

बैकग्राउंड आवाज में
( झुनी का छोटा भाई का देहांत हो गया है और वह भूत का रूप लेकर घर के लोगों को परेशान कर रहा है, जिससे झुनी परेशान होकर अपने बहनोई रघु के साथ तंत्र मंत्र विद्यावालों के पास जाता है.)

रघु :- (गिड़गिड़ाते हुए) बाबा देखीना तनी हमनी के बडा़ परेशान बानीसन. हमार एगो छोटा सार रलऽहवन जवन मर गईलन. अब ऊ प्रेत के रूप लेके घर के लोग के बड़ा परेशान करऽतारन.

बाबा :- आ अइसन बात बाऽ. चल बच्चा तेआपन हाथ देखाव.
(हाथ देखते हुए) आरे ईतऽ बिजली के करेन्ट से मरल बाऽ.

झुनी :- जी बाबा.

बाबा :- ईतऽ गुजरात में कमात रहे.

झुनी :- जी बाबा.

बाबा :- ईतऽ तनी के संगही आईल बाऽ.

झुनी :- जी बाबा.

बाबा :- देख बच्चा, ई अइसे ना भागी.
एकर पुजा पाठ देवे के पड़ी. आ तोरा घर के बानवारी करे के पड़ी. एमे तोरा जीव भी देवे के पड़ जाई.
झुनी :- जी बाबा, रउरा जवन कहेम हम देवेके तइयार बानी. पर हमरा घर से ओकरा के भागा दी.
बाबा :- सब ठीक हो जाई बच्चा, बस तु समान के लिस्ट ले जाके समान तइयार करऽ. हम आवतानी अपना टीम के साथे.
(अब बाबा झुनी के घर पहुंच गए हैं और वहां से अब खप्पर निकालते हैं. इसमें झुनी के पूरा परिवार सम्मिलित है. बाबा बाजा बजाते हुए “जय सिवनिया-जय सिवनिया” के नारा लगाते हुए, गांव के सिवान पर पहुंचते हैं और वहां पूजा-पाठ करते हैं, सात दीप जलाते हैं, उसके बाद वहां से चलते समय कहते हैं)

बाबा :- देखऽसन इहा से चलला के बाद पिछे मुड़ के कवनो मत देखी. सीधे घरे चल चलेके बाऽ, एसे जे आज के पूजा समाप्त हो गईल, बाकी के पूजा काल होई.
( अब यहां से बाबा के साथ सभी वापस घर चले जाते हैं)
( अब दूसरे दिन फिर से घर से खप्पर लेकर जाने से पहले बाबा पूछते हैं)

बाबा :- लईका जहाँ फुकाइल बाऽ ऊ जगह के देखले बाऽ. जे देखले बाऽ ओकरा चले के पड़ी.
( इतना कहने के बाद झुनी, रघु, झुनी के परिवार के साथ-साथ रामू भी चल देता है. बाबा हाथ में खप्पर लिए हुए, बाजा बजवाते हुए और “जय काली-जय सिवनिया” के नारा लगवाते हुए, श्मशान घाट की ओर चल देते हैं. खप्पर धह-धह कर जल रहा है, कुछ ही देर बाद श्मशान घाट पर यह लोग पहुंच जाते हैं. श्मशान घाट पर पहुंचने के बाद, बाबा रुक जाते हैं. इनके साथ ही सभी रुक जाते हैं. उसके बाद बाबा कुछ मंत्र बोलते हैं)

बाबा :- ओम हिडिम-किडिम, धूडुम-धडाक नमो नमः. ओम चामुंडाय नमः

बाबा :- ये हमार दुत देखऽ बच्चा जाता ओ सैतान के माटी लेयावे. एकरा पर ध्यान रखिह.

बाबा :- ऊ सैतान जहाँ फुकाइल बाऽ उहाँ से जाके केहु माटी लाओ.
( अब यहां पर सभी कोई निश्चिंत से बैठा हुआ है पर बाबा का आदेश होते ही माटी लाने के लिए कौन जाएगा? इसको लेकर फुसुर फासुर शुरू हो जाता है. अब झुनी के भाई माटी लेने के लिए जाना चाहता है. तभी रघु हाथ पकड़कर बैठा देता है और इतनाही में रामू तैयार हो जाता है और वह हंसते हुए खड़ा हो जाता है और कहता है)

रामू :- (हंसते हुए) ए तऽ माटी लेयावे में का भईल बाऽ हम जाके लेयादेम.

बाबा :- तऽ तु जईबे बच्चा ( उसके शरीर पर अछत छिटते हुए कहते हैं) जो…

( अब रामू जाता है और वहां से मिट्टी लाता है और बाबा को देना चाहता है तभी बाबा फिर से मंत्र बोलते हुए)

बाबा :- ओम चामुंडाय नम:, ओए हमार दूत बोल तोरा का चाही. बच्चा माटी ला देले बाऽ.
(बैकग्राउंड आवाज में:- हमरा जीव चाही)

बाबा :- बोल बच्चा जीव दियाई.

रामू :- (हंसते हुए सभी की ओर देखते हुए) हऽ दियाई.

बाबा :- बच्चा तइयार बाऽ देवे खातिर जीव. तु आपन आके समय पर लेलीह.

बाबा :- छू..जो…

बाबा :- चलसऽ अब बाकी के पूजा भियान घरे होई और ई सैतान हमेशा-हमेशा खातिर भाग जाई.

(अगले दिन सुबह में)
( बदनाम डॉक्टर रामू की घर की ओर से जैसे ही गुजर रहा था तभी रामू कहता है.)

रामू :- ए डाक्टर साहेब, हई तनी देखीना जंघा पर घाव हो गईल बाऽ. तनी सुखेवाला सूई देना दी.
खेनर डाक्टर :- देखना रामू ऊ सुईया एबरा नईखे. संझिया आके दोकान पर ले लिए.
( इतना कहते हुए डॉक्टर चले जाते हैं)
( शाम होते हैं डॉक्टर साहब के क्लीनिक पर रामू पहुंच जाता है और इधर झुनी के घर तंत्र मंत्र विद्या वाला पूजा पाठ शुरू हो जाता है)

रामू :- ( डॉक्टर के क्लीनिक में) डाक्टर साहेब सुईया देना दी.
( इधर डॉक्टर कैलाश में सर आ रहे हैं तभी उधर धोनी के घर बाबा पूजा पाठ कराते हुए)

बाबा :- ओम किडिम-धिडिम, धुडुम-धडाक चामुंडाय नमः
( बाबा हाथ आसमान की ओर करते हुए एवं देखते हुए कहते हैं)

बाबा :- हे दूत, जवन तोहार पूजा बाऽ ओकरा के लेजा और ए सैतान के भगावऽ.
( बाबा को इतना कहते ही इधर खेनर डॉक्टर के क्लिनिक में रामू की मुंह से ब्लड आने लगता है. बस डॉक्टर खेनर परेशान होकर सुई निकाल देता है और रामू को बेंच पर सुलाकर बेना हांकने लगता है. तब तक रामू बेहोश हो जाता है. तभी दो-चार लोग जमा हो जाते हैं और उसे सदर अस्पताल की ओर लेकर भागते हैं. भागते समय में रास्ते में उसका मृत्यु हो जाता है और इधर झुनी के घर पूजा पाठ चलता ही रहता है.)

(बैकग्राउंड आवाज में)
( इस तरह से रामू का मृत्यु तंत्र मंत्र विद्या के कारण हो जाता है और दोषी डॉक्टर खेनर को बनाया जाता है और इसके मृत्युदंड के एवज में डॉक्टर खेनर से डाई लाख रुपए दंड लिया जाता है. और मामला को निपटारा किया जाता है अतः इस तरह से डॉ. खेनर बदनाम डॉक्टर बनकर रह जाते हैं)
—————————०००—————————-
लेखक : जय लगन कुमार हैप्पी

Language: Bhojpuri
152 Views

You may also like these posts

पेड़ कटता जा रहा झूठे विकासों में ।
पेड़ कटता जा रहा झूठे विकासों में ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
रूपगर्विता
रूपगर्विता
Dr. Kishan tandon kranti
सपने
सपने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
क़त्ल कर गया तो क्या हुआ, इश्क़ ही तो है-
क़त्ल कर गया तो क्या हुआ, इश्क़ ही तो है-
Shreedhar
राम!
राम!
Acharya Rama Nand Mandal
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
कृष्णा बनकर कान्हा आये
कृष्णा बनकर कान्हा आये
Mahesh Tiwari 'Ayan'
उदास हूं मैं आज।
उदास हूं मैं आज।
Sonit Parjapati
अभिनव छंद
अभिनव छंद
Rambali Mishra
सब दिन होत न समान
सब दिन होत न समान
manorath maharaj
*
*"हलषष्ठी मैया'*
Shashi kala vyas
23/84.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/84.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इंसानियत अभी जिंदा है
इंसानियत अभी जिंदा है
Sonam Puneet Dubey
हर तरफ होती हैं बस तनहाइयां।
हर तरफ होती हैं बस तनहाइयां।
सत्य कुमार प्रेमी
कानून?
कानून?
nagarsumit326
- कातिल तेरी मुस्कान है -
- कातिल तेरी मुस्कान है -
bharat gehlot
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
दिल कहता है खुशियाँ बांटो
Harminder Kaur
दिवाली का अभिप्राय है परस्पर मिलना, जुलना और मिष्ठान खाना ,प
दिवाली का अभिप्राय है परस्पर मिलना, जुलना और मिष्ठान खाना ,प
ओनिका सेतिया 'अनु '
भीग जाऊं
भीग जाऊं
Dr fauzia Naseem shad
बुंदेली दोहे-फतूम (गरीबों की बनियान)
बुंदेली दोहे-फतूम (गरीबों की बनियान)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रूठना और भी खूबसूरत हो जाता है
रूठना और भी खूबसूरत हो जाता है
पूर्वार्थ
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
विचार
विचार
Kanchan verma
@ खोज @
@ खोज @
Prashant Tiwari
मन के पन्नों में उलझी मैं..
मन के पन्नों में उलझी मैं..
Priya Maithil
मदिरा पीने वाला
मदिरा पीने वाला
राकेश पाठक कठारा
दुल्हन ही दहेज है
दुल्हन ही दहेज है
जय लगन कुमार हैप्पी
आत्मज्ञान
आत्मज्ञान
Shyam Sundar Subramanian
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
बसंत (आगमन)
बसंत (आगमन)
Neeraj Agarwal
Loading...