बड़े प्रेम से नर देह में रह ले, बन्धु इस संसार में
हर हाल में तुम प्रसन्न रहो, संस्कृति यही सिखाती है
यही हमारा दर्शन है, सच्चिदानंद से भेंट कराती है
जीवन है तो सुख दुख है,सब कुछ नश्वर संसार में
जो भी है दिल खोलकर जी,सत चित आनंद सार में
बड़े प्रेम से नर देह में रह ले,बन्धु इस संसार में।।