बड़े अजब हालात हैं ख्वाहिशों के बाजार के ।
बड़े अजब हालात हैं ख्वाहिशों के बाजार के ।
एक नीलाम होती है और दूसरी बिकने आ जाती है ।।
न जाने क्यूँ हर खता माफ़ होती है उसकी।
शायद उसेअदाकारी से काम करने की कला आती है।।
बड़े अजब हालात हैं ख्वाहिशों के बाजार के ।
एक नीलाम होती है और दूसरी बिकने आ जाती है ।।
न जाने क्यूँ हर खता माफ़ होती है उसकी।
शायद उसेअदाकारी से काम करने की कला आती है।।