Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2024 · 1 min read

बच्चो की कविता -गधा बड़ा भोला

मैं हूँ एक गधा, सब करते मजाक,
पर जानता हूँ मैं, इंसान का हर फलक।
वो कहता है मुझको, “मूर्ख” और “अज्ञानी”,
पर देखूं मैं, उसकी चालाकी और कहानी।

कभी बोझा ढोता, खेतों में दिन-रात,
कभी चलता सड़कों पर, सहता धूप की बात।
वो समझता है मुझे, बस मेहनत का जानवर,
पर मैं भी जानता हूँ, उसका हर शगूफ और जतन।

इंसान कहता है, “गधा बड़ा भोला,”
पर मेरे दिल में भी है, भावों का झोला।
कभी सहलाए, कभी मारे छड़ी,
पर मैं भी देखूं, उसकी हर कड़ी।

मैं सोचूं, इंसान कितना है चतुर,
अपने स्वार्थ के लिए, मुझे करे मजबूर।
पर उसकी नजरें, जब प्यार से झुकतीं,
मेरे दिल में भी, स्नेह की लहरें उठतीं।

इंसान के बिना, मेरा जीवन अधूरा,
पर उसकी दुनिया भी, है मुझसे पूरा।
वो मुझ पर हँसता, पर मैं भी मुस्कराता,
उसके हर रूप को, मैं पहचान पाता।

मैं जानता हूँ उसकी सोच, उसकी माया,
पर चाहूं मैं, बस थोड़ी सी दया।
मेहनत मेरी, उसकी दुनिया सजाए,
पर मेरा भी दिल, थोड़ा प्यार पाए।

तो इंसान, सुनो मेरी बात,
मेरी मेहनत का दो, थोड़ा सा मान।
मुझे समझो, मुझसे भी लो सीख,
हम दोनों का रिश्ता, हो जाए अनमोल और अनोखा।

गधा हूँ, पर दिल मेरा है सच्चा,
तुम्हारे बिना मेरा, और मेरे बिना तुम्हारा,
इस रिश्ते की डोर, रहे हमेशा मजबूत,
प्यार और सम्मान, यही हमारी सच्ची मूरत।

2 Likes · 17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
Dr Archana Gupta
है धरा पर पाप का हर अभिश्राप बाकी!
है धरा पर पाप का हर अभिश्राप बाकी!
Bodhisatva kastooriya
#लघु_कविता
#लघु_कविता
*प्रणय प्रभात*
रिश्ते फीके हो गए
रिश्ते फीके हो गए
पूर्वार्थ
हर वर्ष जला रहे हम रावण
हर वर्ष जला रहे हम रावण
Dr Manju Saini
प्रभात वर्णन
प्रभात वर्णन
Godambari Negi
अपनी चाह में सब जन ने
अपनी चाह में सब जन ने
Buddha Prakash
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
Befikr Lafz
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
आ रे बादल काले बादल
आ रे बादल काले बादल
goutam shaw
"मुझे देखकर फूलों ने"
Dr. Kishan tandon kranti
डार्क वेब और इसके संभावित खतरे
डार्क वेब और इसके संभावित खतरे
Shyam Sundar Subramanian
2320.पूर्णिका
2320.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
" एकता "
DrLakshman Jha Parimal
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
तुम मेरे साथ
तुम मेरे साथ
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी में रंग भरना आ गया
जिंदगी में रंग भरना आ गया
Surinder blackpen
सूर्यदेव
सूर्यदेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
भारत के वायु वीर
भारत के वायु वीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नया से भी नया
नया से भी नया
Ramswaroop Dinkar
*
*"मुस्कराने की वजह सिर्फ तुम्हीं हो"*
Shashi kala vyas
जाने के बाद .....लघु रचना
जाने के बाद .....लघु रचना
sushil sarna
दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े  रखता है या
दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े रखता है या
Utkarsh Dubey “Kokil”
महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण)
महाकवि नीरज के बहाने (संस्मरण)
Kanchan Khanna
????????
????????
शेखर सिंह
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
विषम परिस्थितियों से डरना नहीं,
विषम परिस्थितियों से डरना नहीं,
Trishika S Dhara
किसी की छोटी-छोटी बातों को भी,
किसी की छोटी-छोटी बातों को भी,
नेताम आर सी
समस्त जगतकी बहर लहर पर,
समस्त जगतकी बहर लहर पर,
Neelam Sharma
Loading...