*बच्चों की मुस्कानें 【हिंदी गजल/गीतिका】*
बच्चों की मुस्कानें 【हिंदी गजल/गीतिका】
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{1}
पता करते हैं, भोलेपन की होती हैं कहाँ खानें
चलो चलते हैं, खिलती हैं जहाँ बच्चों की मुस्कानें
{2}
जहाँ पर प्यार के बदले में, ढेरों प्यार मिलता है
चलो कुछ उन दुकानों के भी बारे में जरा जानें
{3}
चहकती गा रही चिड़ियों से, सुनते हैं नई कुछ धुन
छिये संगीत के इनमें हैं कितने राग पहचानें
{4}
उन्हीं के बीच से अक्सर, कोई दरिया निकलता है
अडिग-सीधी खड़ी होती हैं, जो पत्थर की चट्टानें
{5}
किसी को ढलता सूरज, बस उदासी रोज देता है
जो उगता देखते हैं रोज, उनकी बात क्यों मानें
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451